
Woh Sahre Mohabbat Jahan Mustafa Hai...
calendar_month09 Feb, 2023 visibility
मुमकिन नहीं नसीब हमारा सकिस्ता हो माँ मेरे लिए घर में दुआ मांग रही
सवाल यह के बदरिया हिलाल लाजवाब है जवाब यह के आमीना का लाल लाजवाब है
या तो मुझ को मदीना बुला लिजिये या तो दिलको मदीना बना दिजिये
ज़िंदगी खूबसूरत हुई है, मुझपे कुर्बान जन्नत हुई है
वो लोग कायनात के सुल्तान हो गये
आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से
चमन चमन की दिल कशी गुलों की है वो ताज़गी
घर घर उजाला बा तोहरे घर से, अंगना मा आक़ा तोहरे नूर बरसे
हम सर पे कफ़न बांधे मैदान में निकले हैं