
Chahte Aap To Khud Daud Ke Aata Pani
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टाइटल : ये ना पूछो किधर जा रही हूं आज मैं अपने घर जा रही हूं
श्रेणी (कटेगरी) : मनकबत के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : शमीम रज़ा फ़ैज़ी
नातख्वान/कलाकार: शमीम रज़ा फ़ैज़ी
जोड़ा गया : 12 Oct, 2022 01:34 PM IST
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ये ना पूछो किधर जा रही हूं
आज मैं अपने घर जा रही हूं
मेरे बच्चों ना आंसू बहाना,
कब्र ही तो है असली ठिकाना
ये ना समझो के मर जा रही हूँ,
आज मैं अपने घर जा रही हूं
सामने रूये सरकार होगा,
कब्र में उनका दीदार होगा
बस यही सोच कर जा रही हूँ,
आज मैं अपने घर जा रही हूं
साथ मेरे नहीं सोना चाँदी,
हाथ मेरे है दोनों खाली
छोड़ कर माल ओ ज़र जा रही हूँ,
आज मैं अपने घर जा रही हूं
दफ़न करके मुझे ना भूलना,
कब्र पर तुम मेरी आना जाना
सुनलो लक्ते जिगर जा रही हुं,
आज मैं अपने घर जा रही हूं
सिर्फ दो गज का जोड़ा पहन कर,
शान से चार कंधो पर हो कर
देखो करके सफ़र जा रही हूँ
आज मैं अपने घर जा रही हूं
ये ना पूछो किधर जा रही हूं
आज मैं अपने घर जा रही हूं
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