
मुस्तफा हैं लाजवाब
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टाइटल : मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का
श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : ख्वाजा गुलाम सरवर
नातख्वान/कलाकार: ख्वाजा गुलाम सरवर मीर हसन मुस्तफाई
जोड़ा गया : 14 Oct, 2022 07:02 AM IST
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मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का,
मैं बन जाऊँ बीमार मदीने वाले का
वल्लेन उनकी ज़ुल्फ़ें वशशमश उनका चेहरा,
उन्हे रब ने बनाया ऐसा नहीं कोई उनके जैसा,
नहीं कोई जवाब है यार मदीने वाले का
मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का
गौसूल वरा के प्यारे दामन को भरदो मेरे,
ऐ मेरे शाह जी बाबा चश्मे इनायत करदो,
देदो सदका सरकार मदीने वाले का
मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का
यह करते है ऐलान अली के दीवाने,
दे देंगे अली पे जान अली के दीवाने,
लगता है और लगेगा ख्वाजा हसन का नारा,
जिसने अधूरे दिन को लाहोल पढ़ के मारा,
जहाँ आया नज़र गद्दार मदीने वाले का
मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का
उस पार अली के दीवाने इस पार अली के दीवाने,
कैसे देखे दरबार अली के दीवाने,
महोल बनादे सारा करदे दीवाना मौसम,
घुल जाएं फिज़ा में नाते हो जाये हसीन यह आलम,
मिल जाएं जहाँ दो चार अली के दीवाने
मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का
जब चाहे जहाँ पे चाहे ऐ दुशमन-ऐ -दिन आजाना ,
जिसे जैसे चाहे टकराना जैसे चाहे लड़ जाना,
हर मोड पे है तय्यार अली के दीवाने,
सरवर दुनिया से कह दो हम बदर-ओ-ओहद वाले है,
हम ऐसे गुलाम-ऐ-आक़ा हम ऐसे मतवाले है,
मानेगे कहा हम हार अली के दीवाने
महफ़िल का यह नूरी मंज़र शानदार होगा,
एक नारा लगे दमदार मदीने वाला का
मेरे दिल में बसा है प्यार मदीने वाले का,
मैं बन जाऊँ बीमार मदीने वाले का