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ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी/लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी

(लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरीज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी)


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टाइटल : लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी

श्रेणी (कटेगरी) : नज़्म के बोल (लीरिक्स)

लेखक/गीतकार : अल्लामा इक़बाल

नातख्वान/कलाकार: खदीजा फातिमा तल्हा कादरी

जोड़ा गया : 08 May, 2022 06:08 AM IST

बार देखा गया : 1.8K

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लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी

दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये

हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत

ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब
इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्ब्त या रब

हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना
दर्दमंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको

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