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बचाने अज़मत ऐ दिन ऐ पयमबर करबला वाले/कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले

(कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वालेबचाने अज़मत-ऐ-दिन-ऐ-पयमबर करबला वाले)


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Shan E Nabi Team Desk
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टाइटल : कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले

श्रेणी (कटेगरी) : मनकबत के बोल (लीरिक्स) कलाम के बोल (लीरिक्स)

लेखक/गीतकार : विविध/अज्ञात

नातख्वान/कलाकार: आमिर रज़ा बुरनपुरी

जोड़ा गया : 27 Jun, 2025 02:05 PM IST

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<p>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले,<br>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले,<br>बचाने अज़मत-ऐ-दिन-ऐ-पयमबर करबला वाले,<br>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले</p><p>बोहोत ढूनडा नहीं पाया यज़ीदी नस्ल दुनिया में,<br>तुम्हारा तज़केरा है आज घर घर करबला वाले</p><p>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले</p><p>यज़ीदी ज़ुल्म के आगे कभी सर खम नहीं करना,<br>गये दुनिया से यह पैगाम देकर करबला वाले</p><p>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले,</p><p>रज़ा-ऐ-रब की खातीर तिशना लब खामोश थे वरना,<br>रखा करते हैं ठोकर में समंदर करबला वाले</p><p>कफन बांधे हुए निकले हैं सर पर करबला वाले</p>
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