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ये ना पूछो की इस दिल को क्या चाहिए/दिल ये बेचैन रहने लगा आज कल

(दिल ये बेचैन रहने लगा आज कलन दवा चाहिए न शिफा चाहिए रौज़ ए मुस्तफा की हवा चाहिए)


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Shan E Nabi Team Desk
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टाइटल : दिल ये बेचैन रहने लगा आज कल

श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)

लेखक/गीतकार : विविध/अज्ञात

नातख्वान/कलाकार: अशफाक कादरी अलीमी

जोड़ा गया : 24 Sep, 2022 02:07 PM IST

बार देखा गया : 2.5K

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दिल ये बेचैन रहने लगा आज कल, 
ये ना पूछो की इस दिल को क्या चाहिए
न दवा चाहिए न शिफा चाहिए, 
रौज़ ए मुस्तफा की हवा चाहिए।

है मेरा पीर अख़्तर रज़ा अज़हरी, 
जिनको कहते हैं ताजुश्शरिया सभी 
हैं सभी अपनी जगह मोहतरम, 
पर मुझे मेरा अख़्तर रज़ा चाहिए।

अपनी जन्नत के नज़दीक जाया करो, 
पांव मां बाप के तुम दबाया करो
अपने मां बाप को ना सताया करो, 
गर तुम अपने अपने रब की रज़ा चाहिए।

दिल ये कहता हैं आएंगे आएंगे वो, 
अपनी सूरत मुझे भी दिखाएंगे वो 
देखना हो अगर रुए खैरुल वारा, 
लब पे हर वक्त सल्ले अला चाहिए। 

शायरी भी ऐ काशिफ निखर जाएगी, 
आखिरत भी यक़ीनन संवर जाएगी
इश्क़े हस्सान दिलों में पैदा करो, 
साथ में फ़िकरे अहमद रज़ा चाहिए।

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