
Chahte Aap To Khud Daud Ke Aata Pani
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टाइटल : Chand Ajmer Mein Kitna Raushan Hua
श्रेणी (कटेगरी) : कलाम के बोल (लीरिक्स) मनकबत के बोल (लीरिक्स) नात के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : अल्लामा निसार अली उजागर
नातख्वान/कलाकार: अब्दुल्लाह खलील कादरी असद रज़ा अत्तारी फरहान अली कादरी फुरकान कादरी
जोड़ा गया : 03 Jan, 2024 09:18 AM IST
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ख़्वाजा ! ख़्वाजा ! ख़्वाजा ! ख़्वाजा !
किश्त-ए-दीदा-ओ-जाँ लहलहाने लगी
मेरे दिल की ज़मीं मुस्कुराने लगी
इश्क़-ए-ख़्वाजा के पौधे शजर बन गए
धरती अजमेर की जगमगाने लगी
ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा पिया !
ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा !
चाँद अजमेर में कितना रौशन हुआ
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
कुफ़्र-ओ-ज़ुल्मत का बादल ख़ुद ही छट गया
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
चिश्तियों के घरों में ख़ुशी आ गई
ऐसा लगने लगा ज़िंदगी आ गई
चेहरा चेहरा खिला, दिल भी कहने लगा
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
आए दरबार में ले के कश्कोल हम
कर दो, कर दो करम, रख लो सब का भरम
तेरे दर से न मायूस कोई गया
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
हर जगह तेरी 'इज़्ज़त का शोहरा हुआ
लाडला तू नबी का, हसन संजरी !
इब्न-ए-ज़हरा है तू, हसनी शजरा तेरा
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
आज अजमेर क्या ! सारी दुनिया में ही
ख़्वाजा-ए-चिश्त की महफ़िलें सज गईं
है उजागर समाँ, ख़ूब लंगर हुआ
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
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