
मुस्तफा हैं लाजवाब
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टाइटल : Woh Sahre Mohabbat Jahan Mustafa Hai
श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : विविध/अज्ञात
नातख्वान/कलाकार: शाहिद रज़ा अशरफ़ी
जोड़ा गया : 09 Feb, 2023 12:29 PM IST
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वो शहरे मोहब्बत जहां मुस्तफा है
वही घर बनाने को जी चाहता है
वो सोने के कंकर वो सोने की मिट्टी
नज़र में बसाने को दिल चाहता है
जो पूछा नबी ने के कुछ घर भी छोड़ा
तो सिद्दिके अकबर के होंटों पे आया
वह मालों दौलत की क्या है हकीकत
जहां जान लूटाने को दिल चाहता है
वो नन्हा सा असगर वो एडी रगड़ कर
यही कह रहा है वो खेमे मे रोकर
ऐ बाबा मैं पानी का प्यासा नहीं हूँ
मेरा सर कटाने को दिल चाहता है
सितारों से यह चंद कहता है हर दम
तुम्हें क्या बताये वो टुकड़ों का आलम
इशारे में आका के इतना मज़ा था
के फिर टूट जाने को दिल चाहता है
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