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आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से/उम्मत का गम है क्या कोई पूछे हुज़ूर से

(उम्मत का गम है क्या कोई पूछे हुज़ूर सेआँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से)


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Shan E Nabi Team Desk
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टाइटल : उम्मत का गम है क्या कोई पूछे हुज़ूर से

श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)

जोड़ा गया : 04 Jul, 2022 07:15 AM IST

बार देखा गया : 3.2K

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उम्मत का गम है क्या कोई पूछे हुज़ूर से (x2)
आँसू छलक छलक पड़े चसमाने नूर से
इफ्तार कर रहे है मदीने मे मुस्तफा (x2)
पानी से या नामक से या अजवा खुज़ूर से (x2)

आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से

जिबरील कह रहे है फरिश्तों की बज़्म मे (x2)
प्यार मेरा बेलाल है जन्नत की हूर से
जिबरील कह रहे है फरिश्तों की बज़्म मे (x2)
कितना हसीन बेलाल है जन्नत की हूर से
इस वास्ते ज़कात को लाज़िम किया गया (x2)
मुफलिश के घर मे रोशनी पहुचे जरूर से (x2)

आँसू छलक छलक पड़े चषमाने नूर से

दुश्मन भी चेहरा देखे तो वो भी यही कहे (x2)
अख्तर चमक रहा है अंधेरे मे नूर से

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