
मुस्तफा हैं लाजवाब
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टाइटल : नज़र उठा के देख लो जमाल लाजवाब है
श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : असद इक़बाल कलकत्तावी
नातख्वान/कलाकार: असद इक़बाल कलकत्तावी
जोड़ा गया : 24 Sep, 2022 12:42 PM IST
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नज़र उठा के देख लो जमाल लाजवाब है,
मदीना तूर रसूल का खयाल लाजवाब है,
नज़र उठा के देख लो जमाल लाजवाब है
सवाल यह के बदरिया हिलाल लाजवाब है,
जवाब यह के आमीना का लाल लाजवाब है
मेरे नबी की हर अदा है नुक्त ऐ उरुज पर,
कमाल यह के उनका हर कमाल लाजवाब है
यह वासलों हिजर दोनों इश्क ऐ अहमदी के रूप है,
अवैस बेमिसाल है बेलाल लाजवाब है
जिसे नबी ने कर दिया हराम वो हराम है,
जिसे हलाल कह दिया हलाल लाजवाब है
लब ऐ नबी पे हर घड़ी है रब्बे हबली उम्मती,
खुदा की बारगाह में सवाल लाजवाब है
जो अहल ऐ बैते असल है वही तो नूरी नस्ल है,
हस्ब नसब में मुस्तफा की आल लाजवाब है
सवाल यह के बदरिया हिलाल लाजवाब है,
जवाब यह के आमीना का लाल लाजवाब है