
मुस्तफा हैं लाजवाब
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टाइटल : Dil Mein Jamale Gumbad E Khazra Basa Ke Dekh
श्रेणी (कटेगरी) : नात के बोल (लीरिक्स)
लेखक/गीतकार : सज्जाद निज़ामी (मरहूम)
नातख्वान/कलाकार: सज्जाद निज़ामी (मरहूम)
जोड़ा गया : 26 Sep, 2022 08:45 AM IST
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दिल में जमाले गुम्बद ए खजरा बसा के देख,
उनकी बुलंदियों को भी नज़रे झुका के देख (x2)
सिदरा पे भी उजाले हैं गारे हीरा के देख,
पहुंचे कदम कहां से कहां मुस्तफा के देख (x2)
पड़ जाएगी कलेजे में ठण्डक अभी अभी,
इश्के नबी की आग तो दिल में लगा के देख (x2)
इश्क ऐ रसूल खुद उड़ा ले जाऐगा तुझे,
टूटे हुए ही बाज़ू जरा फडफडा के देख (x2)
पहचान जब ना सुन्नी वहाबी की हो तुझे,
अहमद रज़ा के नाम का नारा लगा के देख (x2)
आ जाएगा नज़र तुझे अल्लाह का जमाल,
चल नजदिया बरेली का सुरमा लगा के देख (x2)
किस्मत बदल ना जाये तो मैं जिम्मेदार हूं,
सरकार के गुलामों की शफ में तो आके देख (x2)