
मुस्तफा हैं लाजवाब
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عنوان: Mera Amal Hai Siyah Nama Mujhe Khudaya Muaf Kar De
زمرہ: نعت کے بول (لیرکس)
مصنف/گیتکار: علامہ نثار علی اجاگر
نعت خوان/ فنکار: حافظ طاہر قادری
شامل کیا گیا: 18 Apr, 2023 09:18 PM IST
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मौला मेरे मौला ! मौला मेरे मौला !
तौबा क़बूल कर ले, तौबा क़बूल कर ले
तौबा क़बूल कर ले, तौबा क़बूल कर ले
मेरा 'अमल है सियाह-नामा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मैं जानता हूँ, तू बख़्श देगा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
पहाड़ जैसी मेरी ख़ताएँ
मगर बहुत हैं तेरी 'अताएँ
मु'आफ़ करना शि'आर तेरा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
या रब ! तेरे करम, तेरी रहमत का वास्ता
या रब ! तेरी 'अता, तेरी ने'मत का वास्ता
या रब ! तेरे जलाल-ओ-जलालत का वास्ता
या रब ! रसूल-ए-हक़ की रिसालत का वास्ता
'अज़ाब दे कर तू क्या करेगा ?
करीम है तू करम ही फ़रमा
सुवाल कैसा, जवाब कैसा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मेरा 'अमल है सियाह-नामा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मैं जानता हूँ, तू बख़्श देगा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
न देख लग़्ज़िश, तू देख बख़्शिश
करम की बारिश की कर नवाज़िश
मैं आब-ए-बख़्शिश का हूँ पियासा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मेरा 'अमल है सियाह-नामा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मैं जानता हूँ, तू बख़्श देगा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
अँधेरे शब के किए हैं रुस्वा
उजाले दिन के किए हैं गहना
सरापा जुर्म-ओ-ख़ता हूँ, मौला !
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मेरा 'अमल है सियाह-नामा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
मैं जानता हूँ, तू बख़्श देगा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
ये हाथ बाँधे, ये सर झुकाए
खड़ा उजागर दर-ए-हरम पर
नवीद-ए-बख़्शिश का दे इशारा
मुझे, ख़ुदाया ! मु'आफ़ कर दे
या रब ! तेरे करम, तेरी रहमत का वास्ता
या रब ! तेरी 'अता, तेरी ने'मत का वास्ता
या रब ! तेरे जलाल-ओ-जलालत का वास्ता
या रब ! रसूल-ए-हक़ की रिसालत का वास्ता