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हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे/हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे /Hum Apne Nabi Paak Se Yun Pyar Karenge Lyrics In Hindi

(Hum Apne Nabi Paak Se Yun Pyar Karenge lyrics in Hindi, हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे, हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे,Har Haal Mein Sarkar Ka Milad Karenge)


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عنوان: Hum Apne Nabi Paak Se Yun Pyar Karenge

زمرہ: نعت کے بول (لیرکس)

مصنف/گیتکار: علامہ نثار علی اجاگر

نعت خوان/ فنکار: حافظ طاہر قادری

شامل کیا گیا: 19 Aug, 2023 10:02 AM IST

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मरहबा मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा,
मरहबा मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

जश्न-ए-विलादत की रौनक़ पे यारो,
मरते हैं सुन्नी, मरते रहेंगे,
अपने नबी की अज़मत का चर्चा,
करते हैं सुन्नी, करते रहेंगे

कुछ जलने वाले देख के कहते हैं हमेशा,
सरकार की आमद पे लगाते हो क्यूँ पैसा,
ये पैसा तो क्या चीज़ है, हम घर भी लुटा दें,
कोई नहीं जहान में सरकार के जैसा

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

मेरे सरकार आए, मेरे दिलदार आए,
मेरे सरकार आए, मेरे दिलदार आए

मेरे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
प्यारे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
लजपाल नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
ग़म-ख़्वार नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा

साहिब-ए-मेराज नबी,
आसियों की लाज नबी,
नबियों के सरताज नबी,
कल भी थे और आज नबी,
दो जहाँ के राज वाले मेरे नबी आ गए

हर ख़ारजी फ़सादी वतन से भगाएँगे,
पढ़ के दुरूद सब को मीलादी बनाएँगे,
लाएँगे हम हुज़ूर का इस्लाम तख़्त पर,
ला-दीनियत के सारे बुतों को गिराएँगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

तकलीफ़ होती है, तुझे मिर्चें भी लगती हैं,
जब बारहवीं पे लाइटों से गलियाँ भी सजती हैं,
क्यूँ चिढ़ता है तू देख के झंडों की बहारें,
ता'ज़ीम-ए-नबी हो तो सभी अच्छी लगती हैं,

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

लालच न दो, हम नाम-ए-मुहम्मद पे मरेंगे,
मीलाद पे समझौता किया है न करेंगे,
बर्दाश्त न करेंगे जुलूसों पे रुकावट,
मीलाद-ए-मुहम्मद का मिशन जारी रखेंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

तेरा खावाँ, मैं तेरे गीत गावाँ, या रसूलल्लाह,
तेरा मीलाद मैं क्यूँ न मनावाँ, या रसूलल्लाह

तालीम पहले दूँगा मुहम्मद के जश्न की,
तहज़ीब सिखाऊँगा मुहम्मद के जश्न की,
विर्से मे छोड़ जाऊँगा मीलाद की लगन,
मेरे भी बच्चे जश्न-ए-विलादत मनाएँगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

मेरे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
प्यारे नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
लजपाल नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा,
ग़म-ख़्वार नबी आ गए, मरहबा या मुस्तफ़ा

हम अपनी मोहब्बत का यूँ ऐलान करेंगे,
हम जश्न-ए-मुहम्मद पे फ़िदा जान करेंगे,
मीलाद की रैलि-ओ-जुलूसों में ले जा कर,
औलाद भी सरकार पे क़ुर्बान करेंगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

क़ीमत जहाँ में अपनी, उजागर, गिराओगे,
आक़ा को छोड़ कर कभी इज़्ज़त न पाओगे,
मज़बूत कर लो रिश्ता नबी से तो जियोगे,
रिश्ता नबी से तोड़ोगे तो टूट जाओगे

हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे,
हर हाल में सरकार का मीलाद करेंगे

साहिब-ए-मेराज नबी,
आसियों की लाज नबी,
नबियों के सरताज नबी,
कल भी थे और आज नबी,
दो जहाँ के राज वाले मेरे नबी आ गए

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