, Dikha De Ya Ilahi Mujhko Ruye Mufti E Azam (Dikha De Ya Ilahi Woh Madina) Lyrics In Hindi - Shan E Nabi
search
Log In

Dikha De Ya Ilahi Mujhko Ruye Mufti E Azam (Dikha De Ya Ilahi Woh Madina) Lyrics In Hindi
Written By

...

Title : Dikha De Ya Ilahi Mujhko Ruye Mufti E Azam (Dikha De Ya Ilahi Woh Madina)

Category : Naat Lyrics ,

Writer/Lyricist : Asad Iqbal Kalkattavi ,

Naatkhwan/Artist : Asad Iqbal Kalkattavi ,

Added On : 09 Jan, 2023 06:11 PM IST

Views : 1.1K Downloads : 61

play_arrow Watch On Youtube downloadDownload In Mp3/Video

translate Select Lyrics Language:

दिखा दे या इलाही मुझको रुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
दिखा दे या इलाही मुझको रुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
नज़र को आज तक है जूसतजुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
नज़र को आज तक है जूसतजुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

जो पूछा हज़रते दिल से कहाँ जाते हो बतलाओ,
जो पूछा हज़रते दिल से कहाँ जाते हो बतलाओ,
दिल साहब ने फरमाया सुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
दिल साहब ने फरमाया सुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

मैं अपनी ज़िंदगी के वास्ते मेराज समझूँगा,
मैं अपनी ज़िंदगी के वास्ते मेराज समझूँगा,
मिले किस्मत से जो आबे वज़ू ऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
मिले किस्मत से जो आबे वज़ू ऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

हो जिसके दिल में शम ऐ मसलके अहमद रज़ा रोशन,
हो जिसके दिल में शम ऐ मसलके अहमद रज़ा रोशन,
वही महसूस कर पाएंगे बुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
वही महसूस कर पाएंगे बुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

वो जिनके नाम सुनते ही मुनाफिक कांप जाते हैं,
वो जिनके नाम सुनते ही मुनाफिक कांप जाते हैं,
है किसमे दम के ठहरे रूबरूऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
है किसमे दम के ठहरे रूबरूऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

असद चलिए करे मिलकर नज़ारा आज जन्नत का,
असद चलिए करे मिलकर नज़ारा आज जन्नत का,
बना है अरज़े जन्नत कुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म,
बना है अरज़े जन्नत कुऐ मुफ़्ती ऐ आज़म

मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद
मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद, मुफ़्ती ऐ आज़म ज़िन्दाबाद

Max Exec Time: 0