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काबे की रौनक काबे का मंज़र/Kabe Ki Raonak Kabe Ka Manzar Lyrics In Hindi
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Title : Kabe Ki Raonak Kabe Ka Manzar

Category : Hamd Lyrics , Kalam Lyrics , Manqabat Lyrics , Naat Lyrics , Nazm Lyrics ,

Added On : 12 Mar, 2024 04:02 PM IST

Views : 215 Downloads : 48

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काबे की रौनक काबे का मंज़र
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
देखु तो देखे जाऊँ बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

हैरत से खुद को कभी देखता हूँ
और देखता हूँ कभी मैं हरम को
लाया कहां मुझको मेरा मुकद्दर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

हम्द ए खुदा से तर है ज़बाने
कानो में रस घोलती है अज़ाने
बस एक सदा आ रही है बराबर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

मांगी है मैने जितनी दुआऐ
मंजूर होंगी मकबूल होंगी
मिज़ाब ए रहमत है मेरे सर पर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

तेरे करम की क्या बात मौला
तेरे हरा की क्या बात है मौला
ता उमर करदे आना मुक़द्दर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

याद आगई जब अपनी खताऐ
अश्कों में ढलने लगी इल्तिजाऐ
रोया गिलाफ ए काबा पकड़ कर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

देखा सफा भी मरवा भी देखा
रब के करम का जलवा भी देखा
देखा रावा एक सरों का समंदर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

काबे के ऊपर से जाते नहीं है
किसको सबक ये सिखाते नहीं है
कितने मोद्दब है ये कबूतर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

भेजा है जन्नत से तुझको खुदा ने
चूमा है तुझ को खुद मेरे मुस्तफा ने
ऐ हज्र ए असवद तेरा मुक़द्दर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

जिस पर नबी के कदम को सजाया
अपनी निशानी कह के बताया
महफ़ूज़ रखा रब ने ये पत्थर
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

Featured Artist/Lyricist