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जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है/Jagah Jee Lagane Ki Duniya Nahin Hai Lyrics In Hindi
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Title : Jagah Jee Lagane Ki Duniya Nahin Hai

Category : Kalam Lyrics , Naat Lyrics , Nazm Lyrics ,

Added On : 28 Dec, 2023 02:29 PM IST

Views : 346 Downloads : 31

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तू ख़ुशी के फूल लेगा कब तलक ?
तू यहाँ ज़िंदा रहेगा कब तलक ?

एक दिन मरना है, आख़िर मौत है
कर ले जो करना है, आख़िर मौत है

जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है
ये इबरत की जा है, तमाशा नहीं है

जहाँ में हैं इबरत के हर-सू नमूने
मगर तुझ को अँधा किया रंग-ओ-बू ने
कभी ग़ौर से ये भी देखा है तू ने
जो आबाद थे वो महल अब हैं सूने

जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है
ये इबरत की जा है, तमाशा नहीं है

मिले ख़ाक में अहल-ए-शाँ कैसे कैसे !
मकीं हो गए ला-मकाँ कैसे कैसे !
हुए नामवर बे-निशाँ कैसे कैसे !
ज़मीं खा गई नौजवाँ कैसे कैसे !

यही तुझ को धुन है, रहूँ सब से बाला
हो ज़ीनत निराली, हो फ़ैशन निराला
जिया करता है क्या यूँही मरने वाला ?
तुझे हुस्न-ए-ज़ाहिर ने धोके में डाला

जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है
ये इबरत की जा है, तमाशा नहीं है

क़ब्र में मय्यत उतरनी है ज़रूर
जैसी करनी वैसी भरनी है ज़रूर

दबदबा दुनिया में ही रह जाएगा
हुस्न तेरा ख़ाक में मिल जाएगा

बे-नमाज़ी तेरी शामत आएगी
क़ब्र की दीवार बस मिल जाएगी

तोड़ देगी क़ब्र तेरी पस्लियाँ
दोनों हाथों की मिलें जों उँगलियाँ

लंदन-ओ-पैरिस के सपने छोड़ दे
बस मदीने से ही रिश्ते जोड़ दे

बे-वफ़ा दुनिया पे मत कर ए'तिबार
तू अचानक मौत का होगा शिकार

कर ले तौबा, रब की रहमत है बड़ी
क़ब्र में वर्ना सज़ा होगी कड़ी

तुझे पहले बचपन ने बरसों खिलाया
जवानी ने फिर तुझ को मजनूँ बनाया
बुढ़ापे ने फिर आ के क्या क्या सताया
अजल तेरा कर देगी बिल्कुल सफ़ाया

अजल ने न छोड़ा, न किसरा, न दारा
इसी से सिकंदर सा फ़ातेह भी हारा
हर इक ले के क्या क्या न हसरत सिधारा
पड़ा रह गया सब यूँही ठाठ सारा

जगह जी लगाने की दुनिया नहीं है
ये इबरत की जा है, तमाशा नहीं है

Featured Artist/Lyricist