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ये कहती थी घर घर में जा कर हलीमा/Ye Kehti Thi Ghar Ghar Mein Ja Kar Haleema Lyrics In Hindi

(Ye Kehti Thi Ghar Ghar Mein Ja Kar Haleema lyrics in Hindi, ये कहती थी घर घर में जा कर हलीमा)


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Title : Ye Kehti Thi Ghar Ghar Mein Ja Kar Haleema

Category : Naat Lyrics

Writer/Lyricist : Noor Ul Hasan

Naatkhwan/Artist : Owais Raza Qadri

Added On : 19 Aug, 2023 10:39 AM IST

Views : 220

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ये कहती थी घर घर में जा कर हलीमा,
मेरे घर में ख़ैर-उल-वरा आ गए हैं,
बड़े औज पर है मेरा अब मुक़द्दर,
मेरे घर हबीब-ए-ख़ुदा आ गए हैं

उठी चार-सू रहमतों की घटाएँ,
मुअत्तर मुअत्तर हैं सारी फ़ज़ाएँ,
ख़ुशी में ये जिब्रील नग़्मे सुनाएँ,
वो शाफ़े-ए-रोज़-ए-जज़ा आ गए हैं

ये ज़ुल्मत से कह दो कि डेरे उठा ले,
कि हैं हर तरफ़ अब उजाले उजाले,
कहा जिन को हक़ ने सिराज-म्मुनीरा,
मेरे घर वो नूर-ए-ख़ुदा आ गए हैं

मुक़र्रब हैं बेशक ख़लील-ओ-नजी भी,
बड़ी शान वाले कलीम-ओ-मसीह भी,
लिये अर्श ने जिन के क़दमों के बोसे,
वो उम्मी लक़ब मुस्तफ़ा आ गए हैं

है सुन कर सख़ी आप का आस्ताना,
है दामन पसारे हुए सब ज़माना,
नवासों का सदक़ा, निगाह-ए-करम हो,
तेरे दर पे तेरे गदा आ गए हैं

ख़ुदा के करम से नकीरैन आ कर,
कहेंगे ज़ियारत का मुज़्दा सुना कर,
उठो बहर-ए-ता'ज़ीम, नूर-उल-हसन अब,
लहद में रसूल-ए-ख़ुदा आ गए हैं

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