
Mustafa Hain Lajawab
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Title : Phir Karam Ho Gaya Main Madine Chala
Category : Naat Lyrics
Writer/Lyricist : Owais Raza Qadri
Naatkhwan/Artist : Owais Raza Qadri
Added On : 18 Apr, 2023 09:48 PM IST
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मैं मदीने चला, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला
कैफ़ सा छा गया, मैं मदीने चला
झूमता झूमता मैं मदीने चला
साक़िया ! मय पिला, मैं मदीने चला
मस्त-ओ-बेख़ुद बना, मैं मदीने चला
क्या बताऊँ मिली दिल को कैसी ख़ुशी
जब ये मुज़्दा सुना, मैं मदीने चला
अश्क थमते नहीं, पाँव जमते नहीं
लड़खड़ाता हुआ मैं मदीने चला
ऐ शजर ! ऐ हजर ! तुम भी, शम्स-ओ-क़मर !
देखो देखो ज़रा, मैं मदीने चला
देखें तारे मुझे, ये नज़ारे मुझे
तुम भी देखो ज़रा, मैं मदीने चला
रूह-ए-मुज़्तर ! ठहर, तू निकलना उधर
इतनी जल्दी है क्या, मैं मदीने चला
हाथ उठते रहे, मुझ को देते रहे
वो तलब से सिवा, मैं मदीने चला
नूर-ए-हक़ के हुज़ूर, अपने सारे क़ुसूर
बख़्शवाने चला, मैं मदीने चला
मेरे सिद्दीक़-'उमर ! हो सलाम आप पर
और रहमत सदा, मैं मदीने चला
वो उहुद की ज़मीं, जिस के अंदर मकीं
मेरे हम्ज़ा पिया, मैं मदीने चला
वो बक़ी' की ज़मीं, जिस के अंदर मकीं
मेरे मदनी ज़िया, मैं मदीने चला
गुंबद-ए-सब्ज़ पर जब पड़ेगी नज़र
क्या सुरूर आएगा, मैं मदीने चला
उन के मीनार पर जब पड़ेगी नज़र
क्या सुरूर आएगा, मैं मदीने चला
मिंबर-ए-नूर पर जब उठेगी नज़र
क्या सुरूर आएगा, मैं मदीने चला
उन का ग़म, चश्म-ए-तर और सोज़-ए-जिगर
अब तो दे दे, ख़ुदा ! मैं मदीने चला
दर्द-ए-उल्फ़त मिले, ज़ौक़ बढ़ने लगे
जब चले क़ाफ़िला, मैं मदीने चला
मेरे आक़ा का दर होगा पेश-ए-नज़र
चाहिए और क्या ! मैं मदीने चला
सब्ज़-गुंबद का नूर ज़ंग कर देगा दूर
पाएगा दिल जिला, मैं मदीने चला
मेरे गंदे क़दम और उन का हरम
लाज रखना, ख़ुदा ! मैं मदीने चला
क्या करेगा इधर, बाँध रख़्त-ए-सफ़र
चल, 'उबैद-ए-रज़ा ! मैं मदीने चला
लुत्फ़ तो जब मिले, मुझ से मुर्शिद कहें
चल, 'उबैद-ए-रज़ा ! मैं मदीने चला