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नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए/Noor Wale Mustafa Aa Gaye Chha Gaye Lyrics In Hindi

(Noor Wale Mustafa Aa Gaye Chha Gaye lyrics in Hindi, नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए)


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Title : Noor Wale Mustafa Aa Gaye Chha Gaye

Category : Naat Lyrics

Writer/Lyricist : Allama Nisar Ali Ujagar

Naatkhwan/Artist : Hafiz Tahir Qadri

Added On : 16 Oct, 2023 02:59 PM IST

Views : 50

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नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए
नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

नूर वाले मुस्तफा शहर आलम में आ गए
देखते ही देखते सारे जहां पे छा गए

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

जगमगाई है ये दुनिया मुस्तफा के नूर से
महेर चमका, मांग चमका, मुस्तफा के नूर से

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

जश्ने आक़ा पर सजीं, गलियां सितारों की तरह
दिल में खुशियां रक्स करती हैं बहारों की तरह

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए
दोस्तों! देखो तो सही कैसी गलियां सजी हुई हैं
कैसी रौनकें लगी हुई हैं 
हर तरफ खुशियां ही खुशियां हैं
हर तरफ झंडे ही झंडे हैं
हर जगह मरहबा या मुस्तफा की सदाएं बुलंद हो रही हैं

मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफा 
मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफा 

सरकार की आमद मरहबा
दिलदार की आमद मरहबा
हुज़ूर की आमद मरहबा
पुरनूर की आमद मरहबा

मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफा 

मुबारक हो वो शाह परदे से बहार होने वाला है
गदाई को ज़माना जिसके दर पर आने वाला है
मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफा 

सरकार की आमद मरहबा
दिलदार की आमद मरहबा
हुज़ूर की आमद मरहबा
पुरनूर की आमद मरहबा

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

आज जो सारा जहां है नूर में डूबा हुआ
जिस तरफ देखो समां है नूर में डूबा हुआ

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

अपने दोनों हाथों से खुशियां लुटाने आ गए
आ गए आक़ा नयी दुनिया बसाने आ गए

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

आसमां पर छा गयी हैं रहमतों की बदलियां
कौन आया है के बरसीं , छम-छमाछम बुँदियाँ

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

सलाम मुस्तफा सलाम मुस्तफा 
सलाम मुस्तफा सलाम मुस्तफा 

अस्सलातु वस्सलामु अलैक या रसूलल्लाह
या रसूलल्लाह ! अपने गुलामों का सलाम क़ुबूल कर लीजिये
या रसूलल्लाह ! हम गुनहगारों का सलाम क़ुबूल कर लीजिये
अये गरीबों के वाली ! सलाम  हो आप पर

सलाम अये आमेना के लाल अये महबूबे सुब्हानी
सलाम अये फखरे मौजूदात फखरे नौ-इ-इंसानी
सलाम उस पर के जिसके घर में न चांदी थी न सोना था
सलाम उस पर के टुटा बोरिया जिसका बिछोना था
सलाम उस पर के जिसने बेकसों की दस्तगीरी की
सलाम उस पर के जिसने बादशाही में फकीरी की
सलाम उस पर के जिसने चाँद को दो टुकड़े फ़रमाया
सलाम उस पर के जिसके हुक्म से सूरज पलट आया

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

नूर दाएं नूर बाएं नूर आगे पीछे नूर
झुरमटों में नूर के आये सरापा बनके नूर 

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

ज़िन्दगी भर नातकी महफ़िल सजाते जाएंगे
जैसे भी हालत हों उनका आलम लहराएंगे

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

बारविह के दिन में जन्नत के नज़ारे छा गए
उनके क़दमों में उजागर ! चाँद तारे आ गए

नूर वाले मुस्तफा आ गए छा गए

आ गयी है छा गयी है सब्ज़ जंडों की बहार
ईदे मिलादुन्नबी है झुमों झुमों मेरे यार

मेरे आक़ा आये झुमों मेरे दाता आये झुमों 

इस तरफ जो नूर है तो उस तरफ भी नूर है
ज़र्रा ज़र्रा सब जहां का नोरर से मामूर है

मेरे आक़ा आये झुमों मेरे दाता आये झुमों

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