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मेरे ख़्वाजा का मेला आया, पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा/Mere Khwaja Ka Mela Aaya Lyrics In Hindi

(Mere Khwaja Ka Mela Aaya lyrics in Hindi, मेरे ख़्वाजा का मेला आया, पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा - Mere Khwaja Ka Mela Aaya Lyrics)


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Title : Mere Khwaja Ka Mela Aaya

Category : Kalam Lyrics Manqabat Lyrics Naat Lyrics

Writer/Lyricist : Various/Unknown

Naatkhwan/Artist : Hafiz Dr. Nisar Ahmed Marfani

Added On : 03 Jan, 2024 08:59 AM IST

Views : 131 Downloads : 62

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ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा पिया !

अजमेर की सुंदर नगरी में, वलियों के राजा रहते हैं
उस देस का, यारो ! क्या कहना ! जिस देस में ख़्वाजा रहते हैं

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

ज़माना कुछ भी कहे, मेरा आसरा ख़्वाजा
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

मुझे तो दीन भी, दुनिया भी उन के दर से मिली
ज़माने भर की ख़ुशी उन की रह-गुज़र से मिली
क़दम क़दम पे हुए मेरे रहनुमा ख़्वाजा
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

ज़माना यूँ ही तो कहता नहीं ग़रीब-नवाज़
तमाम दुनिया में होती है आज नज़्र-ओ-नियाज़
कि फ़ैज़-ए-आम जो जारी है आप का, ख़्वाजा !
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

मैं लड़ रहा हूँ जो तूफ़ान-ए-ग़म की मौजों से
निकल के आया हूँ बहर-ए-अलम की मौजों से
हैं मेरी कश्ती-ए-हस्ती के ना-ख़ुदा ख़्वाजा
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

वही है फ़र्क़ शरी'अत में और तरीक़त में
जो सिलसिला है अक़ीदत में और मोहब्बत में
कोई भी शक्ल हो, हैं इस का आईना ख़्वाजा
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

जिन्हें तलाश है हक़ की वो इस तरफ़ आएँ
हुज़ूर-ए-ख़्वाजा अक़ीदत के फूल बरसाएँ
रसूल से है ख़ुदा तक का सिलसिला ख़्वाजा
पुकारता ही रहूँगा हमेशा, या ख़्वाजा

मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया
मेरे ख़्वाजा का मेला आया, मेरे ख़्वाजा का मेला आया

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