
Mustafa Hain Lajawab
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Title : Jo Bhi Nabi Ke Ishq Ke Sanche Me Dhal Gaya
Category : Naat Lyrics
Writer/Lyricist : Sajjad Nizami (Marhoom)
Naatkhwan/Artist : Sajjad Nizami (Marhoom)
Added On : 24 Sep, 2022 02:44 PM IST
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जो भी नबी के इश्क के सांचे में ढल गया,
उसका कसम खुदा की मुकद्दर बदल गया (x2)
मेरे रसूले पाक के कदमों को चूम कर,
पत्थर जमी पर मोम की सूरत पिघल गया (x2)
मुश्किल में पड़ गई है मेरी मुश्किलें सभी,
मुश्किल कुशा का नाम जो मुंह से निकल गया (x2)
मैंने तो सिर्फ मसलक अहमद रजा कहा,
सुनकर वहाबियत का जनाजा निकल गया (x2)
जन्नत में उसको देखकर हूं रे मचल गई,
चेहरे पर अपने खाके मदीना जो मल गया (x2)
सज्जाद की जबान से नाते रसूल को,
सुनकर नबी का चाहने वाला मचल गया (x2)