Shan E Nabi

Phoolon Ki Sej Meri Har Ek Rah Guzar Mein Hai Lyrics In Hindi
Written By
Share: Share Share Share More

...

Title : Phoolon Ki Sej Meri Har Ek Rah Guzar Mein Hai

Category : Naat Lyrics ,

Writer/Lyricist : Sajjad Nizami (Marhoom) ,

Naatkhwan/Artist : Sajjad Nizami (Marhoom) ,

Added On : 07 Apr, 2023

Views : 833

play_arrow Watch On Youtube

translate Select Lyrics Language:

फूलों की सेज मेरी हर एक रह गुज़र में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

ना हो आराम जिस बीमार को सारे ज़माने से
उठा ले जाए थोड़ी खाक़ उनके आस्ताने से

रहमत फ़रिश्ते लाते रहेंगे हर एक पल
बरकत गुल खिलाते रहेंगे हर एक पल

खाक़ ए दरे रसूल अगर तेरे घर में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

नूर के चश्मे लहराये दरिया बहे
उंगलियों की करामत पे लाखों सलाम

उट्ठी जो उनकी उंगली तो क्या क्या ना कर दिया
सूरज को फेरा चांद को दो टुकड़े कर दिया

उसका निशान आज भी देखो क़मर में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

भीनी सुहानी सुब्हो की ठन्डक जिगर की है
कलियां खिलीं दिलों की हवा ये किधर की है

रेशम सी हैं हवाएं फ़ज़ा मुश्कवार है
तैबा की जुस्तजू में अजब ही खुमार है

लगता है जैसे खुल्द मेरी हर डगर में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

फूलों की सेज मेरी! हर एक रह गुज़र में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

Sarwar Kahun Ke Maliko Maola Kahun Tujhe
Bage Khalil Ka Gule Zaiba Kahun Tujhe
Lekin Raza Ne Khatm Sukhn Ispe Kar Diya
Khalik Ka Banda Khalk Ka Aaqa Kahun Tujhe

अल्लाह सबसे आला है फिर मुस्तफ़ा की ज़ात
दोनों जहां में ऊंची है मेरे नबी की बात

फैला हुआ जो नूर ये शाम ओ सहर में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

फूलों की सेज मेरी हर एक रह गुज़र में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

मेरे तसव्वुरात का आलम ना पूछिये
क्यूँ हो गई है आंख मेरी नम ना पूछिये

सज्जाद मस्त नात ए शहे बहरोबर में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है

फूलों की सेज मेरी हर एक रह गुज़र में है
मैं हूं सफ़र में गुंम्बदे खज़रा नज़र में है