Shan E Nabi

मरहबा या मुस्तफ़ा/नसीब चमके हैं फ़र्शियों के कि अर्श के चाँद आ रहे हैं/निसार तेरी चहल पहल पे हज़ारों ईदें रबी-उल-अव्वल/Marhaba Ya Mustafa Nisar Teri Chahal Pahal Par Hazaro Eiden Lyrics In Hindi
Written By
Share: Share Share Share More

...

Title : Marhaba Ya Mustafa Nisar Teri Chahal Pahal Par Hazaro Eiden

Category : Naat Lyrics ,

Writer/Lyricist : Various/Unknown ,

Naatkhwan/Artist : Milad Raza Qadri ,

Added On : 19 Aug, 2023

Views : 3.9K

translate Select Lyrics Language:

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

नसीब चमके हैं फ़र्शियों के, कि अर्श के चाँद आ रहे हैं,
झलक से जिन की फ़लक है रौशन, वो शम्स तशरीफ़ ला रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

निसार तेरी चहल पहल पे हज़ारों ईदें रबी-उल-अव्वल,
सिवाए इब्लिस के जहाँ में सभी तो ख़ुशियाँ मना रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

शब-ए-विलादत में सब मुसलमाँ, न क्यूँ करें जान-ओ-माल क़ुर्बां,
अबू लहब जैसे सख़्त क़ाफ़िर ख़ुशी में जब फ़ैज़ पा रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

ज़माने भर में ये क़ाईदा है कि जिस का खाना उसी का गाना,
तो नेमतें जिन की खा रहे हैं, उन्हीं के हम गीत गा रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

जो क़ब्र में उन को अपनी पाऊँ, पकड़ के दामन मचल ही जाऊँ,
जो दिल में रह के छुपे थे मुझ से, वो आज जल्वा दिखा रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा

मैं तेरे सदक़े ज़मीन-ए-तयबा, फ़िदा न हो तुझ पे क्यूँ ज़माना,
कि जिन की ख़ातिर बने ज़माने, वो तुझ में आराम पा रहे हैं

मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा,
मरहबा या मुस्तफ़ा, मरहबा या मुस्तफ़ा