Shan E Nabi
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नात ए मुस्तफ़ा सुन कर रूह जब मचलती है/Naate Mustafa Sun Kar Rooh Jab Machalti Hai Lyrics In Hindi
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टाइटिल : Naate Mustafa Sun Kar Rooh Jab Machalti Hai

श्रेणी (केटेगरी) : Naat Lyrics ,

लेखक/गीतकार : Asad Iqbal Kalkattavi ,

नातखवां/कलाकार : Asad Iqbal Kalkattavi ,

जारी/दर्ज किया : 11 Sep, 2023

देखा गया (वीवस) : 233

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नात ए मुस्तफ़ा सुन कर रूह जब मचलती है
आशिक़ों के चेहरे से चाँदनी निकलती है

उन के सदक़े खाते हैं, उन के सदक़े पीते हैं
मुस्तफ़ा की चौखट से कायनात पलती है

थाम कर शह ए दीं की रहमतों की ऊँगली को
जन्नत ए मोहब्बत में ज़िंदगी टहलती है

काश ! वो नज़र आते ख़्वाब के दरीचे से
मेरी दीद ए हसरत पहरों आँख मलती है

लफ़्ज़ ए कुन के जल्वे में मुस्तफ़ा का जल्वा है
नूर ए मुस्तफ़ाई में कायनात ढलती है