Shan E Nabi
Shan E Nabi

Jo Bhi Nabi Ke Ishq Ke Sanche Me Dhal Gaya Lyrics In Hindi
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टाइटिल : Jo Bhi Nabi Ke Ishq Ke Sanche Me Dhal Gaya

श्रेणी (केटेगरी) : Naat Lyrics ,

लेखक/गीतकार : Sajjad Nizami (Marhoom) ,

नातखवां/कलाकार : Sajjad Nizami (Marhoom) ,

जारी/दर्ज किया : 24 Sep, 2022

देखा गया (वीवस) : 516

डाउनलोडज़् : 27

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जो भी नबी के इश्क के सांचे में ढल गया,
उसका कसम खुदा की मुकद्दर बदल गया (x2)

मेरे रसूले पाक के कदमों को चूम कर,
पत्थर जमी पर मोम की सूरत पिघल गया (x2)

मुश्किल में पड़ गई है मेरी मुश्किलें सभी,
मुश्किल कुशा का नाम जो मुंह से निकल गया (x2)

मैंने तो सिर्फ मसलक अहमद रजा कहा,
सुनकर वहाबियत का जनाजा निकल गया (x2)

जन्नत में उसको देखकर हूं रे मचल गई,
चेहरे पर अपने खाके मदीना जो मल गया (x2)

सज्जाद की जबान से नाते रसूल को,
सुनकर नबी का चाहने वाला मचल गया (x2)