टाइटिल : Ya Rasool Allah Ya Nabi Allah Ya Habib Allah
श्रेणी (केटेगरी) : Naat Lyrics ,
लेखक/गीतकार : Danish Dawar (Danish F Dar And Dawar Farooq) ,
नातखवां/कलाकार : Danish Dawar (Danish F Dar And Dawar Farooq) ,
जारी/दर्ज किया : 19 Apr, 2023
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या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
दो जहाँ के ताजदार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
महबूब-ए-परवरदिगार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
वो जो न थे तो कुछ न था, वो जो न हों तो कुछ न हो
जान हैं वो जहान की, जान है तो जहान है
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
दो जहाँ के ताजदार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
महबूब-ए-परवरदिगार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
आप की हर अदा पे है 'आलम फ़िदा
बलग़ल-'उला बि-कमालिहि
ना हो ख़ुदा आप, ना हो ख़ुदा से जुदा
कशफ़-द्दुजा बि-जमालिहि
हर वक़्त मैं याद में तेरी रहूँ
हसुनत जमी'उ ख़िसालिहि
हर पल ज़बाँ से ये विर्द करूँ
सल्लू 'अलैहि व आलिहि
दिल में 'इश्क़-ए-मुहम्मद नहीं है अगर
कलमा सुनने सुनाने से क्या फ़ाइदा
क़ल्ब में शौक़-ए-तयबा नहीं है अगर
मक्के में आने जाने से क्या फ़ाइदा
'अर्श पे ताज़ा छेड़-छाड़, फ़र्श पे तुर्फ़ा धूम-धाम
कान जिधर लगाइए तेरी ही दास्तान है
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
दो जहाँ के ताजदार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
आप का ग़म-ए-उम्मत में रोना
सारी उम्मत की क़िस्मत को खोल गया
आप ही की ज़ुबान से अल्लाह
दीन-ए-हक़ सारे 'आलम में बोल गया
ज़िक्र-ए-उम्मत मुलाकात-ए-रब में भी था
मेरी उम्मत, बस उम्मत ही उम्मत कहा
इस मोहब्बत का हक़ ना अदा कर सके
सब किया तूने, हम कुछ भी ना कर सके
ख़ुश्क सज्दे किये, ख़ूब माथा घिसा
और पेशानी पे दाग़-ए-सज्दा पड़ा
क़ल्ब दाग़-ए-मोहब्बत से ख़ाली रहा
ऐसे माथा घिसाने से क्या फ़ाइदा
अल्लाहु रब्बु मुहम्मदिन सल्ला 'अलैहि व सल्लमा
नह्नु 'इबादु मुहम्मदिन सल्ला 'अलैहि व सल्लमा
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
दो जहाँ के ताजदार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह
या नबीयल्लाह ! या हबीबल्लाह !
महबूब-ए-परवरदिगार हैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह