عنوان : Darbar-E-Mustafa Ke Jo Darban Hogaye
قسم : Naat Lyrics ,
مصنف/گیتکار : Sajjad Nizami (Marhoom) ,
نعت خوان/ فنکار : Sajjad Nizami (Marhoom) ,
پوسٹ کیا گیا : 05 Jul, 2022
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दरबारे मुस्तफा के जो दरबान हो गये (x2)
दरबारे मुस्तफा के जो दरबान हो गये (x2)
वो लोग कायनात के सुल्तान हो गये (x2)
हाशिल हमे भी नात के गुलदान हो गये
हाशिल मुझे भी नात के गुलदान हो गये (x2)
यानि मेरी नीजात के सामान हो गये
जन्नत खड़ी है लेने आगोस मे उन्हे (x2)
जो भी रसूले पाक पे कुर्बान हो गये
बातिल से कहदो उनपे ना डाले बुरी नज़र
बातिल से कहदो हम पे ना डेल बुरों नज़र
अहमद रज़ा हमारे निगहबान हो गये
रूऐ नबी पे जिस घड़ी उनकी नज़र पड़ी (x3)
आए थे कत्ल करने मुसलमान हो गये (x3)
कोई किसी के पीछे किसी का कोई इमाम (x3)
हमू मुक्तादिए हज़रते हससान हो गये (x2)
सज्जाद ये निगहे नबुवत का फ़ैज़ था (x3)
वादा किया जो हिन्द के सुल्तान हो गये (x2)